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'ग्रोथ और प्रॉफिट को लेकर भारी दबाव की वजह से फेल हो रही हैं स्टार्टअप फर्में'

Zoho के CEO श्रीधर वेम्बु का कहना है कि कई स्टार्टअप कंपनियों पर वेंचर कैपिटल इकोसिस्टम का जबरदस्त दबाव है। इसके अलावा, अव्यावहारिक टारगेट, प्रॉफिट पर जरूरत से ज्यादा जोर जैसी वजहों से भी ये कंपनियां फेल हो रही हैं। उन्होंने कहा कि यह कुछ ऐसा ही मामला है, जैसे कि कोटा जैसी जगहों पर स्टूडेंट्स आत्महत्या क्यों करते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 24, 2023 पर 2:44 PM
'ग्रोथ और प्रॉफिट को लेकर भारी दबाव की वजह से फेल हो रही हैं स्टार्टअप फर्में'
जोहो के CEO श्रीधर वेम्बु का कहना है कि स्टार्टअप कंपनियां मुख्य रूप से दबाव की वजह से फेल हो रही हैं।

स्टार्टअप कंपनियों में गड़बड़ियों के बढ़ते मामलों के बीच सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट कंपनी जोहो (Zoho) के CEO श्रीधर वेम्बु (Sridhar Vembu) का कहना है कि कई स्टार्टअप्स को काफी दबाव का सामना करना पड़ रहा है। उनके मुताबिक, कई स्टार्टअप कंपनियों पर वेंचर कैपिटल इकोसिस्टम का जबरदस्त दबाव है। इसके अलावा, अव्यावहारिक टारगेट, प्रॉफिट पर जरूरत से ज्यादा जोर जैसी वजहों से भी ये कंपनियां फेल हो रही हैं।

जोहो (Zoho) और मैनेजइंजन (ManageEngine) की तरफ से आयोजित CIO सम्मेलन के मौके पर वेम्बु ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा, 'स्टार्टअप कंपनियां मुख्य रूप से दबाव की वजह से फेल हो रही हैं। उन पर न सिर्फ वेंचर कैपिटल, बल्कि पूरे इकोसिस्टम का दबाव है। इन कंपनियों को असंभव जान पड़ने वाले कुछ मानकों को पालन करना होता है, मसलन ऐसी कुछ कंपनियां हर हफ्ते ग्रोथ मापती हैं। मुझे नहीं पता कि यह कितना व्यावहारिक है।'

वेम्बु का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब पिछले कुछ समय से भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में गवर्नेंस से जुड़ी गड़बड़ियों के काफी मामले सामने देखने को मिल चुके हैं। उन्होंने कहा, 'यह कुछ ऐसा ही मामला है, जैसे कि कोटा जैसी जगहों पर स्टूडेंट्स आत्महत्या क्यों करते हैं। ठीक ऐसा ही हो रहा है। आप बड़ा निवेश करते हैं और तुरंत रिजल्ट चाहते हैं। साथ ही, अव्यावहारिक ग्रोथ की भी उम्मीद होती है।'

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पिछले एक साल में मोजोकेयर (Mojocare ), भारतपे (BharatPe), जिलिंगो (Zilingo), ट्रेल (Trell) और गोमेकेनिक (GoMechanic) जैसी कई स्टार्टअप कंपनियों ने गलत वित्तीय जानकारी दी और अन्य नियमों का उल्लंघन भी किया।

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