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भारत के मोस्ट वैल्यूएबल ब्रांड की पोजिशन पर TCS बरकरार, जानिए अभी कितनी है ब्रांड वैल्यू

पिछले 10 वर्षों में भारत की GDP ग्रोथ 7 प्रतिशत CAGR रही है, जबकि ब्रांड वैल्यू ग्रोथ 19 प्रतिशत है। भारतीय ब्रांड हमारी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण वैल्यू क्रिएटर हैं। भारत के टॉप 75 ब्रांड्स की कुल मिलाकर वैल्यू 379 अरब डॉलर है, जो 2022 से 4 प्रतिशत कम है। टेलिकॉम प्रोवाइडर्स की ब्रांड वैल्यू में कुल मिलाकर 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Sep 29, 2023 पर 10:20 AM
भारत के मोस्ट वैल्यूएबल ब्रांड की पोजिशन पर TCS बरकरार, जानिए अभी कितनी है ब्रांड वैल्यू
TCS और इन्फोसिस ने 2023 में अपनी ब्रांड वैल्यू में क्रमशः 6 प्रतिशत और 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है।

टाटा ग्रुप (Tata Group) की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) भारत की मोस्ट वैल्यूएबल ब्रांड बनी हुई है। यह बात Kantar BrandZ की टॉप 75 मोस्ट वैल्यूएबल इंडियन ब्रांड्स रिपोर्ट में कही गई है। इस वक्त टीसीएस (Tata Consultancy Services) की ब्रांड वैल्यू 43 अरब डॉलर है। भारतीय करेंसी में यह 3573.94 अरब रुपये होती है। वैसे तो बिजनेस टेक्नोलॉजी कैटेगरी के मामले में टीसीएस ने एक मुश्किल वर्ष का सामना किया। लेकिन फिर भी कंपनी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए ग्लोबल डिमांड फायदा उठाने में कामयाब रही। रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के कारण टॉप 75 ब्रांड्स की कुल वैल्यू घट गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरावट मुख्य रूप से बिजनेस टेक्नोलॉजी और सर्विसेज प्लेटफॉर्म कैटेगरी के ब्रांड्स की वैल्यू में गिरावट से आई है, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अच्छी मौजूदगी है। लिहाजा वैश्विक दबाव, मंदी के खतरों और जियोपॉलिटिकल अस्थिरता से ये ब्रांड प्रभावित हुए हैं। Kantar की इनसाइट्स डिवीजन में साउथ एशिया के लिए एग्जीक्यूटिव मैनेजिंग डायरेक्टर दीपेंदर राणा का कहना है कि टीसीएस और इन्फोसिस जैसे ब्रांड्स की ओवरसीज सेल्स के कारण ब्रांड वैल्यू में गिरावट देखी गई है। पिछले साल इन कंपनियों की कुछ ग्रोथ एकबारगी थी और यह उनके ग्राहकों के कारण थी, जो टेक्नोलॉजी पर बड़ा खर्च कर रहे थे। लेकिन अब यह सेटल डाउन हो चुकी है।

टॉप 75 ब्रांड्स की कुल मिलाकर वैल्यू 

भारत के टॉप 75 ब्रांड्स की कुल मिलाकर वैल्यू 379 अरब डॉलर है, जो 2022 से 4 प्रतिशत कम है। टीसीएस और इन्फोसिस ने 2023 में अपनी ब्रांड वैल्यू में क्रमशः 6 प्रतिशत और 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। राणा का मानना है कि सबसे वैल्यूएबल 75 ब्रांड्स की ब्रांड मूल्य में केवल 4 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे पता चलता है कि भारत अभी भी रिजीलिएंट बना हुआ है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। मजबूत घरेलू खपत के कारण भारत कोविड के बाद के उछाल के ठंडा होने के बावजूद मजबूत बना हुआ है। B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) टेक ब्रांड्स की बात करें तो वे विदेशी बिक्री पर निर्भर हैं। एक ओर जहां वैश्विक दबाव, मंदी जैसे खतरों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अधिक प्रभाव पड़ा है, वहीं भारत का विकास जारी है।

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