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US Reciprocal Tariff: इंडिया ऐसे कर सकता है ट्रंप के टैरिफ का सामना, हवा का रुख अपने पक्ष में मोड़ सकता है

डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ का ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ पर असर पड़ना तय है। लेकिन, इंडिया दूसरे देशों के मुकाबले इस स्थिति से ज्यादा बेहतर तरीके से निपटने में सक्षम है। इंडिया चाहे तो इस मौके को अपने लिए अवसर के रूप में भी बदल सकता है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Apr 04, 2025 पर 5:55 PM
US Reciprocal Tariff: इंडिया ऐसे कर सकता है ट्रंप के टैरिफ का सामना, हवा का रुख अपने पक्ष में मोड़ सकता है
इंडिया से अमेरिका को एक्सपोर्ट होने वाले जिन प्रोडक्ट्स पर टैरिफ का असर पड़ेगा, उनमें टेक्सटाइल्स और अपैरल, जेम्स एंड ज्वैलरी, फार्मा प्रोडक्ट्स (फिलहाल टैरिफ से छूट) और इलेक्ट्रॉनिक्स (जैसे मोबाइल फोन) शामिल हैं।

इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं रह गया है कि अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ का असर ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ पर पड़ेगा। इसके चलते अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट्स में उम्मीद से ज्यादा कमी कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने पूरी दुनिया को अनिश्चितता में धकेल दिया है। माना जा रहा है कि दूसरे देश भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं। 4 अप्रैल को चीन ने इसका ऐलान कर दिया है। चीन अमेरिकी सामानों पर 34 फीसदी ड्यूटी वसूलेगा।

अभी मुश्किल है असर का अंदाजा लगाना

चूंकि ट्रंप ने अलग-अलग देशों पर अलग-अलग रेट से टैरिफ लगाया है, जिससे एनालिस्ट्स के लिए यह पता लगाना आसान नहीं है कि इसका ग्लोबल इकोनॉमी पर कितना असर पड़ेगा। दूसरी मुश्किल यह है कि इंडिया सहित कई देश अमेरिका से एक-दूसरे के टैरिफ में कमी करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। कुछ देश जल्द अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने जा रहे हैं। ऐसे में अभी यह कहना मुश्किल है कि अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ के बाद आगे किस तरह की स्थितियां उभर कर सामने आएंगी।

शॉर्ट टर्म में इंडिया पर ज्यादा असर नहीं

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