वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources) अपने पूरे कारोबार को छह हिस्सो में बांटने जा रही है। इससे जुड़ा ऐलान हो चुका है। यह ऐलान ऐसे समय में हुआ है जब कंपनी कर्ज के भारी बोझ से दबी हुई है और रेटिंग एजेंसियां इसकी रेटिंग गिरा रही हैं। मूडीज (Moody’s) ने कर्ज के भारी बोझ को देखते हुए इसकी रेटिंग सीएए1 से घटाकर सीएए2 कर दिया है। वेदांता को लेकर रेटिंग एजेंसी का रुझान निगेटिव बना हुआ है। इस पर करीब 600 करोड़ डॉलर का भारी-भरकम कर्ज है और इसमें से करीब दो-तिहाई की अगले साल मेच्योरिटी है यानी चुकाना है। वेदांता के सामने एक और दिक्कत ये है कि इस समय ब्याज दरें बढ़ी हुई है तो पैसे जुटाना भी महंगा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि कारोबार को छह हिस्सों में तोड़ने पर क्या फायदा होगा?