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Market Coupling क्या है, इसका बिजली उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा?

मार्केट कपलिंग को इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में लागू करने में कम से कम छह महीने का समय लगेगा। यह इसके बारे में सभी पक्षों से मिलने वाले फीडबैक पर निर्भर करेगा। अभी सरकार ने इस बारे में सीईआरसी को लेटर लिखा है। यूरोप सहित दुनिया के कुछ हिस्सों में यह मॉडल लागू है। लेकिन, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिया में इसके लागू करने का ज्यादा फायदा नहीं है, क्योंकि इंडिया में पहले से पावर के अलग-अलग मार्केट नहीं हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 10, 2023 पर 1:54 PM
Market Coupling क्या है, इसका बिजली उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा?
इंडिया में तीन पावर एक्सचेंज हैं। इनमें IEX, पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (PXIL) और हिंदुस्तान पावर एक्सचेंज लिमिटेड (HPX) शामिल हैं।

बीते दो दिनों से 'Market Coupling' बहुत चर्चा में है। इसके चलते इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है। आईईएक्स में इलेक्ट्रिसिटी की ट्रेडिंग होती है। इस कंपनी का शेयर सिर्फ दो दिन में 23 फीसदी तक गिर गया है। कंपनी के सीएमडी ने भी इस बारे में अपनी राय जाहिर की है। सवाल है कि मार्केट कपलिंग क्या है, इसके चलते आईईएक्स के शेयरों में क्यों गिरावट आई, इसका इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई पर क्या असर पड़ेगा? आइए इस पूरे मामले को समझने की कोशिश करते हैं।

मार्केट कपलिंग का मतलब क्या है?

इंडिया में तीन पावर एक्सचेंज हैं। इनमें IEX, पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (PXIL) और हिंदुस्तान पावर एक्सचेंज लिमिटेड (HPX) शामिल हैं। यह वॉलेंटरी मार्केट्स है। इनमें से हर एक्सचेंज खुद बिड्स कलेक्ट करता है और उसे खुद बेचता है। इसके लिए वह अपने मार्केट क्लियरिंग प्राइसेज का इस्तेमाल करता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो आज हर पावर एक्सचेंज की इलेक्ट्रिसिटी की कॉस्ट अलग है। हालांकि, कॉस्ट में सिर्फ कुछ पैसे का अंतर होता है।

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