Get App

Yes Bank के AT1 बॉन्ड्स बट्टे खाते में डालने का फैसला खारिज, जानिए Bombay HC के आदेश के मायने

Yes Bank AT1 bond :   हाई कोर्ट ने यस बैंक के रिकंस्ट्रक्शन की फाइनल स्कीम में बट्टे खाते के क्लॉज के नहीं होने का उल्लेख किया और कहा कि एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने अधिकार का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने कहा कि भले ही यस बैंक ड्राफ्ट रिकंस्ट्रक्शन स्कीम में AT1 बॉन्ड राइट डाउन करने का क्लॉज था, लेकिन यह सरकार द्वारा स्वीकृत फाइनल स्कीम नहीं था

Curated By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jan 22, 2023 पर 11:00 AM
Yes Bank के AT1 बॉन्ड्स बट्टे खाते में डालने का फैसला खारिज, जानिए Bombay HC के आदेश के मायने
Yes Bank ने फ्रॉड, वित्तीय अनियमितताओं और एनपीए से जूझते हुए मार्च 2020 में बेलआउट के तहत 8415 करोड़ रुपये के एटी1 बॉन्ड्स को राइट ऑफ कर दिया था यानी कि इसकी वैल्यू जीरो कर दी थी

Yes Bank AT1 bond : बंबई हाई कोर्ट ने यस बैंक के मार्च 2020 के 8,415 करोड़ रुपये एडीशनल टियर 1 (एटी1) बॉन्ड्स को बट्टे खाते में डालने के फैसले को खारिज कर दिया, लेकिन लेंडर को इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया है। इस स्थिति में यह आदेश यस बैंक के एटी1 बॉन्ड होल्डर्स के लिए अच्छी खबर है, जिनमें इंस्टीट्यूशंस और रिटेल इनवेस्टर्स शामिल हैं। ये बॉन्ड होल्डर्स पिछले तीन साल से कई मोर्चों पर कानूनी जंग लड़ रहे हैं।

AT1 bonds क्या हैं?

AT1 बॉन्ड्स एक तरह की सिक्योरिटीज होती हैं जिनकी कोई मैच्योरिटी अवधि नहीं होती है। बैंक इन्हें बेसिल-3 नॉर्म्स को पूरा करने के उद्देश्य से पूंजी जुटाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ये बॉन्ड्स ज्यादा रिस्क और रिवार्ड की पेशकश करते हैं। इनमें ऑफर की गई 9-9.5 फीसदी की ब्याज दर, अन्य डेट इंस्ट्रुमेंट्स की तुलना में खासी ज्यादा थी। लेकिन कंपनी के नाकाम होने पर एटी2 बॉन्ड्स का पूरा रिस्क इनवेस्टर्स का होता है। जारीकर्ता इन बॉन्ड्स को बट्टे खाते में डाल सकता है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें