रिसर्च फर्म नोमुरा (Noumra) के मुताबिक भारतीय कंज्यूमर कंपनियों की लागत अगले वित्त वर्ष से 0.15% से 0.30% तक बढ़ सकती है। दरअसल सरकार ने भारतीय यूनिट की ओर से संबंधित मल्टीनेशनल कंपनियों को भुगतान की जाने वाली रॉयल्टी और टेक्निकल सर्विस फीस पर लगने वाले टैक्स को बढ़ा दिया है। इसका असर उनकी लागत और मार्जिन पर भी देखने को मिल सकता है। ये कंपनियां फिलहाल पिछले साल कच्चे माल की लागत में आई तेज उछाल से अपने मार्जिन पर पड़े असर से उबरने में लगी हैं। फाइनेंस बिल 2023 के तहत, सरकार ने रॉयल्टी और टेक्निकल फीस के भुगतान पर लगने वाले टैक्स को बढ़ाकर दोगुना यानी 20% करने का फैसला किया है।