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डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण है दूधी घास, ब्लड शुगर फौरन होगा डाउन

Benefits of Dhoodhi Ghas: हमारे आसपास कई पेड़-पौधे होते हैं। जिनमें औषधीय गुणों का खजाना होता है। एक समय था, जब दुनियाभर में बीमारियों का इलाज जड़ी-बूटी और फूल-पत्तियों से किया जाता था। ऐसे ही दूधी घास डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस घास को तोड़ने के बाद पौधे से दूध जैसा पदार्थ बहता है। इसीलिए इसे दूधी घास कहते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 28, 2024 पर 7:25 AM
डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण है दूधी घास, ब्लड शुगर फौरन होगा डाउन
Benefits of Dhoodhi Ghas: आयुर्वेद में दूधी घास को दुग्धिका और शीता जैसे नाम से भी पहचाना जाता है। वहीं, बॉटनी में इसे यूफॉर्बिया थाइमीफोलिया कहा जाता है।

डायबिटीज के मरीज दुनियाभर में तेजी से फैल रहे हैं। करोड़ों की तादाद में लोग इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज से परेशान लोगों को ब्लड शुगर बढ़ जाता है। जिसे जिंदगी भर कंट्रोल करने की जरूरत रहती है। डायबिटीज किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। जिन लोगों में अत्यधिक मोटापा रहता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज देसी इलाज के जरिए अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकते हैं। इसके लिए दूधी घास का सेवन कर सकते हैं। दूधी घास का पाउडर भी डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद माना गया है।

दूधी घास को अंग्रेजी में अस्थमा प्लांट कहा जाता है। इस घास को तोड़ने के बाद इसके पौधों से दूध जैसा पदार्थ निकलने लगता है। इसलिए इस घास को दूधी घास कहा जाता है। आयुर्वेद में इस घास को दुग्धिका और शीता जैसे नाम से भी पहचाना जाता है। वहीं, बॉटनी में इसे यूफॉर्बिया थाइमीफोलिया कहा जाता है।

डायबिटीज के लिए काल है दूधी घास

आयुर्वेद में दूधी घास को काफी अहम माना गया है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के बॉटनी डिपार्टमेंट के प्रो विजय मलिक का कहना है कि दूधी घास के पाउडर का उपयोग अगर किया जाए तो कई तरह की बीमारियों से दूर रह सकते हैं। दूधी घास की पत्तियों को तोड़कर अच्छे से सुखा लें। सूखने के बाद पाउडर बनाकर इसका उपयोग कर सकते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है। जिससे डायबिटीज के रोगियों को भी काफी राहत मिलेगी। इसके साथ-साथ अगर किसी को अस्थमा, खांसी या बाल झड़ने की भी समस्या है, तो उसके लिए भी यह काफी फायदेमंद है।

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