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तेजी से बढ़ रही है बच्चों की आंखों की ये खतरनाक बीमारी, देर की तो हो सकता है बड़ा नुकसान

Eye Care Tips: बच्चों की आंखों की रोशनी तेजी से कमजोर हो रही है, खासकर मायोपिया जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। ऐसे में पैरेंट्स को शुरुआत से ही सतर्क रहना जरूरी है। कुछ छोटे-छोटे उपाय अपनाकर बच्चे की नजर को लंबे समय तक हेल्दी रखा जा सकता है। इस लेख में ऐसे ही असरदार टिप्स बताए गए हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 06, 2025 पर 3:31 PM
तेजी से बढ़ रही है बच्चों की आंखों की ये खतरनाक बीमारी, देर की तो हो सकता है बड़ा नुकसान
Eye Care Tips: दिन में कम से कम एक घंटा बच्चों को बाहर खेलने के लिए भेजें।

आज के दौर में बच्चों की जिंदगी स्मार्ट डिवाइसेज के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई है। पहले जहां खाली समय में बच्चे दोस्तों संग खेलते, कहानियां सुनते या किताबों में डूबे रहते थे, वहीं अब वही समय मोबाइल, टीवी और टैबलेट की स्क्रीन के हवाले हो गया है। स्कूल और कोचिंग की व्यस्तता के बाद जो थोड़ी सी फुर्सत मिलती है, उसमें भी बच्चे डिजिटल दुनिया में ही खोए रहते हैं। लेकिन इस आदत का सबसे बड़ा खामियाजा उनकी आंखों को भुगतना पड़ रहा है। मासूम उम्र में ही अब चश्मा आम बात बन चुकी है।

जहां पहले किशोर अवस्था में नजर कमजोर होती थी, अब 8-9 साल के बच्चों की आंखों पर भी चश्मा चढ़ गया है। डॉक्टर्स भी इस ट्रेंड को लेकर चिंतित हैं और इसे डिजिटल ओवरएक्सपोजर का सीधा नतीजा मानते हैं। वक्त है सजग होने का, वरना भविष्य धुंधला होता चला जाएगा।

छोटी उम्र, बड़ी परेशानी

देश के बड़े शहरों में डॉक्टर्स और रिसर्चर ये साफ तौर पर देख रहे हैं कि मायोपिया यानी दूर की नजर का दोष तेजी से बढ़ रहा है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कोरोना के बाद एक स्टडी में सामने आया कि बेंगलुरु जैसे शहर में हर चौथा बच्चा मायोपिया की चपेट में है। इसके पीछे सबसे बड़ा दोष मोबाइल और लैपटॉप जैसी डिजिटल चीजों का अत्यधिक इस्तेमाल है।

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