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Lenskart IPO में निवेश से पहले समझ लें तीन बड़े रिस्क, फैसला करने में होगी आसानी

Lenskart IPO Risk Factors: लेंसकार्ट के ₹7278 करोड़ के आईपीओ का इंतजार खत्म होने वाला है और यह 31 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। हालांकि इसमें निवेश का फैसला लेने से पहले तीन अहम रिस्क फैक्टर्स पर जरूर गौर कर लें क्योंकि ये कंपनी के कारोबार पर असर डाल सकते हैं। डिटेल्स में पढ़ें

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Oct 29, 2025 पर 2:23 PM
Lenskart IPO में निवेश से पहले समझ लें तीन बड़े रिस्क, फैसला करने में होगी आसानी
Lenskart IPO: लेंसकार्ट के ₹7,278 करोड़ के आईपीओ में ₹382-₹402 के प्राइस बैंड और 37 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे यह इश् 31 अक्टूबर को खुलेगा और 4 नवंबर को बंद होगा।

Lenskart IPO: सॉफ्टबैंक के निवेश वाली आईवियर स्टार्टअप लेंसकार्ट का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 31 अक्टूबर को खुलेगा। इसके आईपीओ का इंतजार काफी लंबे समय से किया जा रहा था और अब इसके ₹7,278 करोड़ के आईपीओ में जल्द ही पैसे लगाने का मौका मिलेगा। हालांकि इसके बिजनेस को लेकर कुछ रिस्क हैं तो निवेश से पहले इनके बारे में जान लेना चाहिए। इनकी डिटेल्स नीचे दी जा रही है। वैसे ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयर ₹70 यानी 17.41% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल के आधार पर ही निवेश का फैसला लेना चाहिए।

Lenscart के बिजनेस को लेकर ये हैं रिस्क

आयात को लेकर रिस्क

लेंसकार्ट कुछ कच्चा माल और फ्रेम चीन से मंगाती है। चीन में इसकी ज्वाइंट वेंचर बोआफेंग फ्रेमकार्ट टेक (Boafeng Framekart Technology) की एक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी है। इस ज्वाइंट वेंचर में लेंसकार्ट की 51% हिस्सेदारी है। यह ज्वाइंट वेंचर वर्ष 2018 में बना था और चश्मा के लेंस, फ्रेम और एक्सेसरीज बनाने और बिक्री के काम में है। अब अगर चीन में सप्लायर्स से कच्चे माल और फिनिश्ड गुड्स की सप्लाई प्रभावित होती है तो लेंसकार्ट के कारोबार को झटका लग सकता है।

मजबूत तकनीकी से झटके की आशंका

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