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मुंबई का कौन बनेगा किंग? उद्धव के सामने साख बचाने की चुनौती, NDA की फिर से क्लीन स्वीप पर नजर

Mumbai Loksabha Seats: मुंबई में कुल छह लोकसभा सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने इन सभी सीटों को जीता था। हालांकि तब से महाराष्ट्र की राजनीति काफी बदल गई है। इसके अलावा इस चुनाव में अभी तक कोई स्पष्ट लहर भी नहीं दिख रहा है। इसके चलते विपक्ष इस बार पिछले 2 चुनावों से अधिक आक्रामक नजर आ रहा है। आइए जानते हैं कैसे इन बदलावों ने मुंबई की इन 6 लोकसभा सीटों पर चुनावी गणित को बदल दिया है

Moneycontrol Newsअपडेटेड May 20, 2024 पर 11:38 AM
मुंबई का कौन बनेगा किंग? उद्धव के सामने साख बचाने की चुनौती, NDA की फिर से क्लीन स्वीप पर नजर
Mumbai Loksabha Seats: महाराष्ट्र में मुख्य पार्टियों की संख्या अब 4 से बढ़कर 6 हो गई है

Mumbai Loksabha Seats: मुंबई में कुल छह लोकसभा सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने इन सभी सीटों को जीता था। हालांकि तब से महाराष्ट्र की राजनीति काफी बदल गई है। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) दो फाड़ हो गई हैं। इससे राज्य की मुख्य पार्टियों की संख्या अब 4 से बढ़कर 6 हो गई है। इसके अलावा इस बार प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) ने ओवासी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के साथ गठबंधन नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर 2019 में मोदी की खुलकर आलोचना करने वाले राज ठाकरे, इस बार उनके साथ हैं।

एक और अहम चीज यह है कि इस बार के चुनाव में, 2014 के मोदी लहर या 2019 में पुलवामा हमले के बाद उठी देशभक्ति की भावना जैसी कोई कोई स्पष्ट लहर अभी तक नहीं दिख रहा है। इसके चलते विपक्ष इस बार पिछले 2 चुनावों से अधिक आक्रामक नजर आ रहा है। आइए जानते हैं कैसे इन बदलावों ने मुंबई की इन 6 लोकसभा सीटों पर चुनावी गणित को बदल दिया है।

1. साउथ मुंबई लोकसभा सीट

शिवसेना पिछले 2 बार से लगातार यह सीट जीत रही है। यहां के सांसद अरविंद सावंत, शिवसेना (यूबीटी) में है और उन्हें पार्टी ने लगातार तीसरी बार मैदान में उतारा है। उनका मुख्य मुकाबला शिवसेना (शिंदे गुट) की यामिनी जाधव से है। कांग्रेस इस सीट पर परंपरागत रूप से देवड़ा परिवार के सदस्यों को टिकट देती रही है। हालांकि मिलिंद देवड़ा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी में आ गए और कांग्रेस ने गठबंधन में इस सीट को शिवसेना (यूबीटी) को दे दिया। इस सीट पर करीब 25 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, जो जीत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। महायुति यानी बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) गठबंधन इस सीट पर गुजराती-मारवाड़ी और उत्तर भारतीय वोटों पर निर्भर है। वहीं सावंत की जीत इस बात पर निर्भर करती है कि परंपरागत रूप से कांग्रेस को समर्थन करने वाले मुस्लिम मतदाता, इस बार शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत को सपोर्ट करेंगे या नहीं।

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