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Hindenburg Research Report: शेयर बाजार पर नहीं हुआ रिपोर्ट का असर, क्या ये कोई गहरी साजिश थी जिससे उबर गए हम?

ये पूरी कहानी बताने से पहले एक जरूरी बात ये है कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा था कि रीडर ये मान कर चलें कि जिन कंपनियों का नाम उसके रिपोर्ट में शामिल हैं उनमें उसकी

Pratima Sharmaअपडेटेड Aug 12, 2024 पर 7:26 PM
Hindenburg Research Report: शेयर बाजार पर नहीं हुआ रिपोर्ट का असर, क्या ये कोई गहरी साजिश थी जिससे उबर गए हम?
अमेरिकी शॉर्ट सेलर Hindenburg Research ने एक बार फिर भारत से जुड़ा बड़ा दावा किया था लेकिन इस बार बाजार पर इसका असर नहीं हुआ

हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त की रात को अपनी वेबसाइट पर एक ब्लॉग पोस्ट करके सेबी की चेयरपर्सन माधबी और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाएं। आप ये तो जानते ही होंगे कि सेबी मार्केट रेगुलेटर है यानि शेयर बाजार में जो कुछ भी हो रहा है वो सही तरीके से हो..इसकी जिम्मेदारी सेबी की ही है। माधबी सेबी की बॉस हैं। लेकिन इस बार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर शेयर बाजार पर नहीं हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 56.98 अंक गिरकर 79,648.92 पर बंद हुआ। जबकि निफ्टी 20.50 अंक नीचे 24,247 पर बंद होने में कामयाब रहा।

अब उन आरोपों के बारे में जान लीजिए जो हिंडनबर्ग ने सेबी के बॉस और उनके पति पर लगाए हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च का पहला आरोप है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने उसी कॉम्प्लिकेटड तरीके से उस फंड में पैसा लगाया है जिसमें विनोद अदाणी का पैसा लगा था। रिपोर्ट के मुताबिक, "मार्केट रेगुलेटर सेबी हेड माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास बरमुडा और मॉरिशस फंड्स में स्टेक था जिसका लिंक विनोद अदाणी से जुड़ा है।" विनोद अदाणी दुबई में रहते हैं और गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं।

ये पूरी कहानी बताने से पहले एक दिलचस्प बात ये है कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा था कि रीडर ये मान कर चलें कि जिन कंपनियों का नाम उसके रिपोर्ट में शामिल हैं उनमें उसकी शॉर्ट पोजीशन हो सकती है। कहीं ये पूरी रिपोर्ट मुनाफा बनाने का एक जरिया तो नहीं था। सेबी, सरकार और जाने माने मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह भारतीय शेयर बाजार के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश है।

क्या थी पूरी कहानी

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