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पीएम मोदी बोले- "भारत का विकास देखकर आज दुनिया भी हैरान": रूस में दो नए काउंसलेट खोलने का किया ऐलान

PM Modi Russia Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार 8 जुलाई की रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने सरकारी आवास 'नोवो-ओगरियोवो' पर एक 'निजी मुलाकात' के तहत स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने देश की प्रगति के वास्ते किए गए कार्यों के लिए पीएम मोदी की जमकर तारीफ की

Akhileshअपडेटेड Jul 09, 2024 पर 12:52 PM
पीएम मोदी बोले- "भारत का विकास देखकर आज दुनिया भी हैरान": रूस में दो नए काउंसलेट खोलने का किया ऐलान
PM Modi Russia Visit: पीएम ने कहा कि 140 करोड़ भारतीय अब विकसित देश बनने का सपना देख रहे हैं

PM Modi Russia Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (9 जुलाई) को रूस की राजधानी मॉस्को में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि वह अपने तीसरे कार्यकाल में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। पीएम ने कहा कि मैंने अपने तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेजी से और तीन गुना अधिक ताकत के साथ काम करने की शपथ ली है। प्रधानमंत्री अपने संबोधन के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में व्यापक वार्ता भी करेंगे। रूस द्वारा फरवरी 2022 में यूक्रेन में अपना सैन्य अभियान शुरू करने के बाद से पीएम मोदी पहली बार मॉस्को का दौरा कर रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य मॉस्को के साथ नई दिल्ली के दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत करना है।

रूसी सेना में फंसे भारतीयों की होगी वापसी

इस बीच, रूस अपनी सेना में सहायक कर्मियों के रूप में भारतीयों की भर्ती बंद करने और बल में कार्यरत भारतीयों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के भारत के आह्वान पर मोटे तौर पर सहमत हो गया है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अनौपचारिक मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने बताया कि मंगलवार को पीएम मोदी और पुतिन के बीच शिखर वार्ता के बाद रूसी सेना में सहायक स्टाफ के रूप में कार्यरत सभी भारतीयों को सेवामुक्त करने के मॉस्को के फैसले की घोषणा होने की उम्मीद है।

सूत्रों ने कहा कि रूस इस मुद्दे पर हमारे अनुरोध पर मोटे तौर पर सहमत हो गया है। पिछले महीने, विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना में कार्यरत दो और भारतीय नागरिक मारे गए हैं। इसी के साथ, रूस-यूक्रेन युद्ध में जान गंवाने वाले उन भारतीय नागरिकों की संख्या बढ़कर चार हो गई है, जो रूसी सेना में सहायक कर्मी के रूप में कार्यरत हैं। दो और भारतीयों की मौत के बाद, भारत ने रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती पर रोक लगाने की मांग की थी।

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