Get App

10 का दम: एआईएस और DTAA से मदद मिली है, लेकिन NRI के लिए और टैक्स रिफॉर्म्स जरूरी

सरकार ने कई सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर्स (CPC) शुरू किए हैं। इससे टैक्स रिटर्न की जल्द प्रोसेसिंग हो रही है। प्री-फिल्ड रिटर्न की शुरुआत की गई है। सिंगल इंफॉर्मेटिव टैक्स स्टेटमेंट से भी काफी आसानी हुई है। लेकिन, अब भी कई प्रोसेस को डिजिटल बनाने की जरूरत है। इनमें रेजिडेंसी स्टेटस में बदलाव, एसेसमेंट और एनआरआई से जुड़ा अल्टरनेट टैक्स रिटर्न वेरिफिकेशन सिस्टम शामिल हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 13, 2023 पर 1:56 PM
10 का दम: एआईएस और DTAA से मदद मिली है, लेकिन NRI के लिए और टैक्स रिफॉर्म्स जरूरी
एनुअल इंफॉर्मेशन सिस्टम (AIS) और फॉर्म 26AS की शुरुआत से NRI के बीच टैक्स कंप्लायंस बढ़ा है। इसका मतलब है कि अब ज्यादा एनआरआई टैक्स से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियां पूरी कर रहे हैं।

Budget 2024: सरकार ने नॉन-रेसिडेंट इंडियंस (NRI) पर टैक्स का बोझ घटाने के लिए कई उपाय किए हैं। एनआरआई के सामने अलग तरह की स्थितियां होती हैं। सरकार ने कई सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर्स (CPC) शुरू किए हैं। इससे टैक्स रिटर्न की जल्द प्रोसेसिंग हो रही है। प्री-फिल्ड रिटर्न की शुरुआत की गई है। सिंगल इंफॉर्मेटिव टैक्स स्टेटमेंट से भी काफी आसानी हुई है। इससे NRI को टैक्स से जुड़ी जिम्मेदारियों को पूरी करने में ज्यादा समय नहीं लगाना पड़ता है। सरकार ने कई देशों के साथ Double Taxation Avoidance Agreements किए हैं। इसका मकसद व्यक्ति को दोहरे टैक्स के बोझ से बचाना है। अब भी कई प्रोसेस को डिजिटल बनाने की जरूरत है। इनमें रेजिडेंसी स्टेटस में बदलाव, एसेसमेंट और एनआरआई से जुड़ा अल्टरनेट टैक्स रिटर्न वेरिफिकेशन सिस्टम शामिल हैं।

सरकार के निम्नलिखित कदमों का काफी फायदा हुआ है :

AIS से फायदा

एनुअल इंफॉर्मेशन सिस्टम (AIS) और फॉर्म 26AS की शुरुआत से NRI के बीच टैक्स कंप्लायंस बढ़ा है। इसका मतलब है कि अब ज्यादा एनआरआई टैक्स से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियां पूरी कर रहे हैं। इनकम टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि पहले काफी ज्यादा इनकम टैक्स सिस्टम से बाहर रह जाती थी। KPB and Associates के पार्टनर पारस सावला ने कहा, "बिलेटेड रिटर्न सब्मिट करने की टाइमलाइन घटा दी गई है जिससे AIS को जल्द या छमाही आधार पर शेयर करना जरूरी हो गया है।" अब 31 जुलाई तक रिटर्न फाइलिंग नहीं होने पर उसे 31 दिसंबर तक फाइल करना जरूरी है। पहले इसे अगले साल 31 मार्च तक फाइल किया जा सकता था।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें