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FlyDubai की भारतीय मार्केट में होगी एंट्री? Go First को खरीदने का ये है प्लान

GoFirst News: दिवालिया हो चुकी गोफर्स्ट के विमान बंद पड़े हैं। करीब दो साल पहले इसने दिवालिया के लिए याचिका दायर किया था। पिछले साल मई 2024 में विमान नियामक डीजीसीए इसके एयरपोर्ट स्लॉट और इंटरनेशनल फ्लाईंग राइट्स स्थायी रूप से वापस लेने की योजना बना रही थी जिससे इसके ट्रैक पर नहीं आने के संकेत मिल रहे थे। हालांकि अब उम्मीद की एक किरण दिख रही है

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 17, 2025 पर 2:44 PM
FlyDubai की भारतीय मार्केट में होगी एंट्री? Go First को खरीदने का ये है प्लान
सस्ती हवाई सर्विसेज मुहैया कराने वाली फ्लाईदुबई (FlyDubai) भारत में बिजी बी एयरवेज (Busy Bee Airways) से साझेदारी के जरिए एयरलाइन कारोबार शुरू करने की संभावनाएं तलाश रही है।

सस्ती हवाई सर्विसेज मुहैया कराने वाली फ्लाईदुबई (FlyDubai) भारत में बिजी बी एयरवेज (Busy Bee Airways) से साझेदारी के जरिए एयरलाइन कारोबार शुरू करने की संभावनाएं तलाश रही है। बिजी बी एयरवेज दिवालिया हो चुकी गो फर्स्ट (Go First) को खरीदने के लिए लेंडर्स के साथ बातचीत कर रही है। मनीकंट्रोल को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक गो फर्स्ट के ट्रेडमार्क, फ्लाईंग लाइसेंस और एयरपोर्ट स्लॉट के अधिग्रहण के लिए बिजी बी इसके कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) से बातचीत कर रही है। गो फर्स्ट के लिए बिजी बी ने पहले मार्च 2024 में भी बोली लगाई थी और अब एक बार इसने दिलचस्पी दिखाई है। खास बात ये है कि एक सीनियर बैंकर के मुताबिक बोली लगाने वाले की नजर गो फर्स्ट के एसेट्स की बजाय ब्रांड पर है।

क्या हैं FDI के नियम?

सूत्रों के मुताबिक दुबई एविएशन कॉरपोरेशन की सब्सिडरी फ्लाईदुबई उन एयरलाइं में शुमार है जो बिजी बी से गो फर्स्ट ब्रांड के तहत भारत में नई घरेलू एयरलाइन मिलकर शुरू करने के लिए बातचीत कर रही है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के पास मौजूद डिटेल्स के मुताबिक बिजी बी को फ्लाईदुबई के दक्षिणपूर्व एशिया के कॉमर्शियल ऑपरेशंस के निदेशक प्राण साथदासन ने अप्रैल 2017 में शुरू किया था। इस पर गवर्नमेंट ऑफ दुबई की मुख्य निवेश इकाई इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ दुबई (ICD) का मालिकाना हक है।

अब सवाल उठता है कि क्या फ्लाईदुबई भारत में विमान कंपनी का कारोबार शुरू कर सकती है? इससे जुड़ी एफडीआई पॉलिसी की बात करें तो शेड्यूल्ड एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज और डोमेस्टिक शेड्यूल्ड पैसेंजर एयरलाइंस में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी है। इसमें 40 फीसदी निवेश तो ऑटोमैटिक रूट के जरिए आ सकता है लेकिन 49 फीसदी के ऊपर निवेश के लिए सरकार की मंजूरी लेनी होगी। हालांकि नॉन-रेजिडेंट इंडियन्स (NRIs) के मामले में ऑटोमैटिक रूट के जरिए 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी है।

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