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SpiceJet के शेयरहोल्डर्स ने फंड जुटाने की दी मंजूरी, अभी ऐसी है वित्तीय सेहत

घरेलू विमानन कंपनी स्पाइसजेट (SpiceJet) के फंड जुटाने की योजना को आज कंपनी के शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिल गई। स्पाइसजेट यह फंड इक्विटी शेयर और वारंट जारी कर जुटाएगी। कंपनी ने इसकी जानकारी आज एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) के बाद एक्सचेंज फाइलिंग में दी। जानिए कि कंपनी की वित्तीय सेहत कैसी है और उड़ानों की क्या स्थिति है?

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jan 10, 2024 पर 10:38 PM
SpiceJet के शेयरहोल्डर्स ने फंड जुटाने की दी मंजूरी, अभी ऐसी है वित्तीय सेहत

घरेलू विमानन कंपनी स्पाइसजेट (SpiceJet) के फंड जुटाने की योजना को आज कंपनी के शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिल गई। स्पाइसजेट यह फंड इक्विटी शेयर और वारंट जारी कर जुटाएगी। कंपनी ने इसकी जानकारी आज एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) के बाद एक्सचेंज फाइलिंग में दी। एजीएम से पहले यह बताया गया था कि भारी वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही स्पाइसजेट ने अपने विस्तार और पुनरोद्धार के लिए 2,250 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरहोल्डर्स से मंजूरी लेने की योजना बनाई है। अब शेयरधारकों से इसकी मंजूरी मिल चुकी है लेकिन एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने यह खुलासा नहीं किया कि शेयरहोल्डर्स ने कितना फंड जुटाने की मंजूरी दी है। विमानन कंपनी के बोर्ड ने पिछले महीने ही 13 करोड़ कंवर्टिबल वारंट्स और 50 रुपये के भाव पर 32.08 करोड़ नए शेयर जारी कर 2250 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

नगदी संकट से जूझ रही SpiceJet के लिए सुधरा माहौल

स्पाइसजेट के पास नगदी की काफी किल्लत है। बकाए को लेकर यह कई कानूनी मामलों से जूझ रही है जिसमें इसके पूर्व प्रमोटर्स और विमान पट्टेदार भी शामिल हैं। पिछले साल जुलाई में कंपनी ने कहा था कि अजय सिंह नए इक्विटी शेयरों या कंवर्टिबल इंस्ट्र्मेंट्स या दोनों के बदले 500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। हालांकि पिछले कुछ समय से इसके लिए माहौल सुधरा है। वाडिया ग्रुप की गोफर्स्ट (GoFirst) के दिवालिया होने के चलते स्पाइसजेट की कर्ज चुकाने और फाइनेंस मैनेज करने की संभावनाओं में सुधार हुआ है। अगस्त 2023 में इसने अकासा एयर को पछाड़ते हुए अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई और इसका पैसेंजर ट्रैफिक सालाना आधार पर 30 फीसदी से अधिक बढ़ गया। अजय सिंह ने अगस्त 2023 में कंपनी में 500 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उनके पास इसकी करीब 57 फीसदी हिस्सेदारी है।

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