Layoff in 2023 India vs World: पिछला साल दुनिया भर के एंप्लॉयीज के लिए बहुत बड़ा झटका था। भारत ही नहीं, दुनिया भर में छंटनी की तलवार चली और इसने कई एंप्लॉयीज को एक झटके में बेरोजगार कर दिया। हालांकि भारत में इसका झटका थोड़ा फीका रहा। टैलेंट एसेसमेंट कंपनी Mercer | Mettl के आंकड़ों के मुताबितक पिछले साल 22% भारतीय कंपनियों ने छंटनी की, जबकि वैश्विक औसत 32% है। अपनी वित्तीय सेहत सुधारने के लिए कई कंपनियों ने पिछले साल ताबड़तोड़ छंटनी की। हालांकि इस रुझान के बावजूद मंझले आकार की कंपनियों ने काफी हद तक एंप्लॉयीज को राहत दी और हायरिंग में कम से कम कटौती की और 81 फीसदी कंपनियों ने कोई छंटनी नहीं की।