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Daily Voice : जीवन बीमा, सामान्य बीमा और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में लॉन्ग टर्म में होगी जोरदार कमाई

Daily Voice : पीएसयू शेयरों पर बात करते हुए रूपेश ने कहा कि हाल में कई सरकारी कंपनियों के शेयरों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। ज्यादातर मामलों में इस अच्छे प्रदर्शन कि वजह कंपनियों के फंडामेंटल्स में मजबूती और कोविड के दौरान उनका भाव घटना रहा है। डिफेंस और दूसरे मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े शेयरों को सरकार की प्रोत्साहन नीतियों से भी फायदा हुआ है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 13, 2023 पर 6:58 PM
Daily Voice : जीवन बीमा, सामान्य बीमा और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में लॉन्ग टर्म में होगी जोरदार कमाई
Daily Voice : रूपेश ने कहा कि यह कहना सही नहीं होगा कि फेड रेट बढ़ोतरी के लेकर बाजार की चिंता कम हुई है। हालांकि हाल के अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों ने बाजार की इस उम्मीद को मजबूत कर दिया है कि इस साइकिल में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी नहीं होगी

Daily Voice : निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के रूपेश पटेल का मानना है कि अनुकूल डेमोग्रॉफी, इकोनॉमी में लाए जा रहे रिफार्म और मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस जैसे कारकों के चलते लंबी अवधि के नजरिए से भारत के बाजार काफी अच्छे दिख रहे हैं। लेकिन शॉर्ट टर्म के नजरिए से देखें तो भारतीय बाजार थोड़ा महंगे दिख रहा है। ऐसे में शार्ट टर्म में इसमें करेक्शन देखने को मिल सकता है। लेकिन कंपनियों की अर्निंग में सुधार के साथ ही ये फिर से गति पकड़ता दिखेगा। इक्विटी निवेश का 18 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले रूपेश बैंकिंग और नान-बैंकिंग दोनों तरह से फाइनेंशियल शेयरों को लेकर पॉजिटिव हैं। उनका मानना है कि भारत अगले क्रेडिट साइकिल के शुरुआती चरण में है।

रूपेश पटेल को जीवन बीमा, सामान्य बीमा और एसेट मैनेजमेंट कंपनियां पसंद हैं। उनका मानना है देश में समृद्धि और बचत बढ़ने को साथ ही इन कंपनियों के कारोबार में अच्छी ग्रोथ होगी। ऐसे में इनमें लंबे नजरिए से निवेश करना चाहिए।

बाजार की आगे की चाल पर बात करते हुए रूपेश ने कहा कि शॉर्ट टर्म में बाजार की दिशा की भविष्यवाणी करना लगभग असंभव होता है। इक्विटी एक वोलेटाइल एसेट क्लॉस है। ऐसे में शॉर्ट टर्म के लिए इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। लेकिन अनुकूल डेमोग्रॉफी, इकोनॉमी में लाए जा रहे रिफार्म और मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस जैसे कारकों के चलते लंबी अवधि के नजरिए से भारत के बाजार काफी अच्छे दिख रहे हैं।

बाजार के लिए इस समय कहां से खतरा दिख रहा है? इस सवाल पर रूपेश ने कहा कि अर्निंग ग्रोथ को लेकर नजरिया पॉजिटिव है। लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में हालिया उछाल, कमजोर उपभोक्ता मांग, अनियमित मानसून, घरेलू राजनीतिक जोखिम और जियोपोलिटिकल तनाव, ब्याज दरों में बढ़त और डॉलर में बढ़त कुछ ऐसे कारक हैं जो बाजार को परेशान कर सकते हैं।

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