बजट 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एग्रीकल्चरल क्रेडिट टारगेट को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। इस ऐलान के बाद के बाद इस सेक्टर के शेयरों में एक्शन नजर आया। इसके साथ ही बजट में हाई वैल्यू बागवानी के लिए 2200 करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया गया। मत्स्य पालन के लिए 6000 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा भी हुई
अपडेटेड Feb 01, 2023 पर 12:44भारतीय शेयर बाजार पिछले कई महीनों से एक सीमित दायरे में घूम रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी ने पिछले साल 26 सितंबर को अपना रिकॉर्ड ऑलटाइम हाई छुआ था। तब से करीब एक साल हो गए हैं और दोनों इंडेक्स अभी इस स्तर के नीचे बने हुए हैं। शेयर बाजार की इस अंडरपरफॉर्मेंस के पीछे सबसे बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली मानी जा रही है। ऐसे में सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि आखिर ये विदेशी निवेशक बड़े पैमाने पर कब तक भारतीय शेयर बाजार में लौटेंगे? इन अटकलों के पीछे कुछ वजहें भी है। भारत ने हाल ही में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कुछ बड़े कदम उठाए हैं। सबसे पहले इनकम टैक्स स्लैब में छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख किया गया। और अब सरकार ने जीएसटी दरों में व्यापक सुधारों को भी लागू कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद अभी तक विदेशी निवेशकों की वापसी का कोई बड़ा संकेत मिलता नहीं दिख रहा है। ऐसा क्यों? जेपी मॉर्गन के एशिया हेड और ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट इक्विटी स्ट्रैटजी के को-हेड, राजीव बत्रा ने इसके पीछे 3 वजहें बताईं। बत्रा ने बताया कि विदेशी निवेशक भारत लौटने के लिए तैयार हैं, लेकिन इससे पहले ये इन चीजों के होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ये तीनों कारण क्या हैं? आइए जानते हैं
अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 20:49समीर अरोड़ा का मानना है कि आगे इंडियन मार्केट्स में FII का निवेश कुछ बातों पर निर्भर करेगा। इनमें जीएसटी में कमी के बाद कंज्यूमर डिमांड में इजाफा और इंटरेस्ट रेट घटने पर फाइनेंशियल कंपनियों का बेहतर प्रदर्शन शामिल है
अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 23:47Shree Cement Share: श्री सीमेंट का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही के नतीजे 28 अक्टूबर को जारी होंगे। कंपनी को वित्त वर्ष 2026 में उत्पादन 3.7-3.8 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है
अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 22:58Gold bubble warning: सोना रिकॉर्ड हाई पर है और अब इसमें बबल बनने की आशंका जताई जा रही है। जेपी मॉर्गन ने चेतावनी दी, जबकि जेफरीज का मानना है कि गोल्ड 2 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। जानिए पूरी रिपोर्ट।
अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 22:16भारतीय शेयर बाजार पिछले कई महीनों से एक सीमित दायरे में घूम रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी ने पिछले साल 26 सितंबर को अपना रिकॉर्ड ऑलटाइम हाई छुआ था। तब से करीब एक साल हो गए हैं और दोनों इंडेक्स अभी इस स्तर के नीचे बने हुए हैं। शेयर बाजार की इस अंडरपरफॉर्मेंस के पीछे सबसे बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली मानी जा रही है। ऐसे में सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि आखिर ये विदेशी निवेशक बड़े पैमाने पर कब तक भारतीय शेयर बाजार में लौटेंगे? इन अटकलों के पीछे कुछ वजहें भी है। भारत ने हाल ही में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कुछ बड़े कदम उठाए हैं। सबसे पहले इनकम टैक्स स्लैब में छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख किया गया। और अब सरकार ने जीएसटी दरों में व्यापक सुधारों को भी लागू कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद अभी तक विदेशी निवेशकों की वापसी का कोई बड़ा संकेत मिलता नहीं दिख रहा है। ऐसा क्यों? जेपी मॉर्गन के एशिया हेड और ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट इक्विटी स्ट्रैटजी के को-हेड, राजीव बत्रा ने इसके पीछे 3 वजहें बताईं। बत्रा ने बताया कि विदेशी निवेशक भारत लौटने के लिए तैयार हैं, लेकिन इससे पहले ये इन चीजों के होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ये तीनों कारण क्या हैं? आइए जानते हैं
अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 20:49समीर अरोड़ा का मानना है कि आगे इंडियन मार्केट्स में FII का निवेश कुछ बातों पर निर्भर करेगा। इनमें जीएसटी में कमी के बाद कंज्यूमर डिमांड में इजाफा और इंटरेस्ट रेट घटने पर फाइनेंशियल कंपनियों का बेहतर प्रदर्शन शामिल है
अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 23:47Shree Cement Share: श्री सीमेंट का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही के नतीजे 28 अक्टूबर को जारी होंगे। कंपनी को वित्त वर्ष 2026 में उत्पादन 3.7-3.8 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है
अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 22:58Gold bubble warning: सोना रिकॉर्ड हाई पर है और अब इसमें बबल बनने की आशंका जताई जा रही है। जेपी मॉर्गन ने चेतावनी दी, जबकि जेफरीज का मानना है कि गोल्ड 2 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। जानिए पूरी रिपोर्ट।
अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 22:16भारतीय शेयर बाजार पिछले कई महीनों से एक सीमित दायरे में घूम रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी ने पिछले साल 26 सितंबर को अपना रिकॉर्ड ऑलटाइम हाई छुआ था। तब से करीब एक साल हो गए हैं और दोनों इंडेक्स अभी इस स्तर के नीचे बने हुए हैं। शेयर बाजार की इस अंडरपरफॉर्मेंस के पीछे सबसे बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली मानी जा रही है। ऐसे में सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि आखिर ये विदेशी निवेशक बड़े पैमाने पर कब तक भारतीय शेयर बाजार में लौटेंगे? इन अटकलों के पीछे कुछ वजहें भी है। भारत ने हाल ही में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कुछ बड़े कदम उठाए हैं। सबसे पहले इनकम टैक्स स्लैब में छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख किया गया। और अब सरकार ने जीएसटी दरों में व्यापक सुधारों को भी लागू कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद अभी तक विदेशी निवेशकों की वापसी का कोई बड़ा संकेत मिलता नहीं दिख रहा है। ऐसा क्यों? जेपी मॉर्गन के एशिया हेड और ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट इक्विटी स्ट्रैटजी के को-हेड, राजीव बत्रा ने इसके पीछे 3 वजहें बताईं। बत्रा ने बताया कि विदेशी निवेशक भारत लौटने के लिए तैयार हैं, लेकिन इससे पहले ये इन चीजों के होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ये तीनों कारण क्या हैं? आइए जानते हैं
अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 20:49