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US Jobs Data: नवंबर में नौकरियों की बारिश, अमेरिका में लौटे अच्छे दिन

US Jobs Data: अमेरिकी जॉब मार्केट में पिछले महीने बहार दिखी। हालांकि अभी भी यह काफी सुस्त है। अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट के आंकड़ों से खुलासा हुआ कि नवंबर महीने अक्टूबर महीने में रोजगार के महज 36 हजार नए मौके बने थे लेकिन नवंबर महीने में 2.27 लाख नए मौके बने। हालांकि यह 2021-2023 के नौकरी सृजन के बूम से काफी धीमा हो गया है, जब अर्थव्यवस्था महामारी की मंदी से उबर रही थी

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 07, 2024 पर 12:50 PM
US Jobs Data: नवंबर में नौकरियों की बारिश, अमेरिका में लौटे अच्छे दिन
US Jobs Data: अमेरिका में रोजगार के शानदार आंकड़े आए हैं। अक्टूबर महीने में रोजगार के महज 36 हजार नए मौके बने थे लेकिन नवंबर महीने में 2.27 लाख नए मौके बने।

US Jobs Data: अमेरिका में रोजगार के शानदार आंकड़े आए हैं। अक्टूबर महीने में रोजगार के महज 36 हजार नए मौके बने थे लेकिन नवंबर महीने में 2.27 लाख नए मौके बने। इससे पहले अक्टूबर महीने में हड़तालों और हरिकेन यानी तूफान के चलते हायरिंग सुस्त हो गई थी। हालांकि अगले ही महीने स्थिति तेजी से सुधरी। हालांकि बेरोजगारी दर 4.2 फीसदी पर है। लेबर डिपार्टमेंट ने नवंबर के आंकड़े शुक्रवार 6 दिसंबर को जारी किए। इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि अमेरिकी रोजगार बाजार मजबूत बना हुआ है। हालांकि यह 2021-2023 के नौकरी सृजन के बूम से काफी धीमा हो गया है, जब अर्थव्यवस्था महामारी की मंदी से उबर रही थी।

इस कारण सुस्त हुई जॉब मार्केट की रफ्तार

अमेरिकी जॉब मार्केट में पिछले महीने बहार दिखी। हालांकि अभी भी यह काफी सुस्त है। जॉब मार्केट के सुस्त चाल की एक वजह तो ब्याज की ऊंची दरें जो फेडरल रिजर्व ने महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए बढ़ाई थी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में ब्याज दरों को 11 बार बढ़ाया था। हालांकि अनुमानों के विपरीत ब्याज की बढ़ती दरों के बावजूद इकॉनमी बढ़ती रही लेकिन इस साल की शुरुआत से जॉब मार्केट सुस्त पड़ने लगा। अमेरिकी फेड ने सितंबर और नवंबर में ब्याज दरों में कटौती की थी और अब अगले महीने भी 17-18 दिसंबर को इसकी उम्मीद की जा रही है।

आशंकाएं जताई जा रही थीं कि हाई इंटेरेस्ट रेट के चलते मंदी आ जाएगी लेकिन अर्थव्यवस्था बढ़ती रही क्योंकि लोगों ने खर्च करना जारी रखा और कंपनियों ने हायरिंग जारी रखीं। कंज्यूमर के बढ़ते खर्च के चलते जुलाई से सितंबर 2024 में इकॉनमी 2.8% की सालाना दर से बढ़ी। पिछले नौ तिमाहियों में से आठ तिमाहियों में वार्षिक आर्थिक वृद्धि 2% से अधिक रही है। वहीं महंगाई की बात करें इनफ्लेशन जून 2022 के 9.1% के रिकॉर्ड हाई से घटकर पिछले महीने 2.6% पर आ गई।

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