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बजट 2023 : क्या सरकार इलेक्शन से पहले यूनियन बजट में दिल खोलकर खर्च करेगी?

बजट 2023 : अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इसलिए यूनियन बजट 2023 में सरकार राजनीतिक मकसद को साधने की भी कोशिश करेगी। सरकार पूंजीगत खर्च सहित अपने दूसरे खर्च में इजाफा कर सकती है। डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में उछाल और सब्सिडी खर्च कम रहने से सरकार के पास आवंटन बढ़ाने की गुंजाइश है

Curated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jan 16, 2023 पर 2:34 PM
बजट 2023 : क्या सरकार इलेक्शन से पहले यूनियन बजट में दिल खोलकर खर्च करेगी?
इस फाइनेंशियल ईयर में केंद्र सरकार की वित्तीय स्थिति काफी अच्छी रही है।

बजट 2023 : फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ऐसा यूनियन बजट (Union Budget 2023) पेश करने की कोशिश करेंगी जो मार्केट को पसंद आएगा और उसमें राजनीतिक संदेश भी होगा। इसके लिए सरकार पूंजीगत खर्च बढ़ा सकती है। साथ ही फिस्कल कंसॉलिडेशन पर फोकस कर सकती हैं। इसके लिए अगले फाइनेंशियल ईयर में सब्सिडी पर खर्च घटाया जा सकता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यूनियन बजट 2023 में सरकार पूंजीगत खर्च पर फोकस करने के साथ राजनीतिक उद्देश्यों का भी ध्यान रख सकती है। यूनियन बजट 2023 से उम्मीदों के बारे में लगातार चर्चा हो रही है। मार्केट यह भी जानना चाहता है कि इस फाइनेंशियल ईयर के बजट में तय टारगेट के लिहाज से सरकार की प्रगति कैसी रही है। सरकार के लिए अच्छी खबर यह है कि इस फाइनेंशियल ईयर में केंद्र सरकार की वित्तीय स्थिति काफी अच्छी रही है।

सरकार का फिस्कल डेफिसिट फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के 9.2 फीसदी के स्तर से काफी नीचे आ चुका है। तब कोरोना की महामारी की वजह से सरकार को खर्च बहुत ज्यादा बढ़ाना पड़ा था। इससे फिस्कल डेफिसिट बहुत बढ़ गया था। हालांकि, अब यह हाई लेवल से काफी कम हो गया है। लेकिन, अब भी बहुत कम नहीं है। सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2025-26 तक फिस्कल डेफिसिट को जीडीपी के 4.5 फीसदी पर लाने का टारगेट तय किया है।

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