Union Budget 2024 Expectations Highlights: इस साल अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। 31 जनवरी 2024 से अंतरिम बजट सत्र शुरू हो जाएगा। लोकसभा के चुनाव होना है। लिहाजा अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। साल 2019 में 10 मार्च को लोकसभा चुनाव का ऐलान हो गया है। जिसमें 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में देश में मतदान हुए थे
Interim Budget 2024 Expectations Highlights: बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी (Pralhad Joshi) ने 12 जनवरी को ऐलान किया था कि 17वीं लोकसभा का अंतिम बजट सत्र, 31 जनवरी से शुरू हो जाएगा। यह 9 फरवरी तक चलेगा। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो जाएगा। बता दें कि साल 2019 मे
Interim Budget 2024 Expectations Highlights: बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी (Pralhad Joshi) ने 12 जनवरी को ऐलान किया था कि 17वीं लोकसभा का अंतिम बजट सत्र, 31 जनवरी से शुरू हो जाएगा। यह 9 फरवरी तक चलेगा। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो जाएगा। बता दें कि साल 2019 में लोकसभा के चुनाव का ऐलान 10 मार्च को किया गया था। जिसमें 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में देश भर में मतदान हुए थे। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी।
अंतरिम बजट एक अस्थायी वित्तीय बजट होता है। इसे सरकार की ओर से तैयार किया जाता है। यह बजट तब तक मान्य होता है। जब तक नई सरकार शासन नहीं संभाल लेती है। अंतरिम बजट, सलाना या आम बजट से अलग होता है। इसमें वित्तीय साल के शुरुआती महीनों को कवर करने वाला एक छोटा बजट बनाया जाता है।
इस बजट से सरकार अपनी आय और व्यय की रूपरेखा तैयार करता है, जिससे वह चुनाव के बाद नई सरकार के गठन तक खर्चों का आसानी से मैनेज कर सकें। ये बजट तब ही पेश किया जाता है, जब सरकार के कार्यकाल का अंतिम समय चल रहा हो और कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हो।
यह एक अस्थायी होता है। जिसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है कि सरकारी खर्च और संचालन तब तक जारी रहें जब तक कि नई सरकार नहीं बन जाती या चुनाव के बाद पूरा बजट पेश नहीं किया जाता। वहीं अगर आम बजट की बात करें तो यह पूरे साल का बजट होता है। इसमें पूरे वित्त वर्ष को कवर किया जाता है। इसमें राजस्व, व्यय, नीतिगत पहल, आर्थिक अनुमान, कर प्रस्ताव और अन्य वित्तीय खर्चों को जगह दी जाती है। सीधी भाषा में कहे तो आम बजट में सरकार अपने वित्तीय और आर्थिक एजेंडे की रूपरेखा तैयार करती है।