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Byju's EGM में बायजू रवींद्रन और उनका परिवार नहीं लेगा हिस्सा, बोर्ड से हटाने पर होने जा रही वोटिंग

EGM नोटिस को जनरल अटलांटिक, पीक एक्सवी, सोफिना, चैन जुकरबर्ग, आउल और सैंड्स का सपोर्ट प्राप्त है। इनकी बायजू में संयुक्त रूप से लगभग 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ईजीएम के लिए नोटिस में कहा गया है कि शेयरधारक मौजूदा लीडरशिप में, भविष्य में स्टार्टअप की स्थिरता को लेकर बेहद ज्यादा चिंतित हैं। पिछले एक साल में Byju's को कई वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ा है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Feb 22, 2024 पर 11:27 PM
Byju's EGM में बायजू रवींद्रन और उनका परिवार नहीं लेगा हिस्सा, बोर्ड से हटाने पर होने जा रही वोटिंग
Byju's के बोर्ड में बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजू रवींद्रन शामिल हैं।

एडटेक स्टार्टअप Byju's की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think and Learn Pvt Ltd) के चुनिंदा निवेशकों ने 23 फरवरी को एक असाधारण आम बैठक (EGM) बुलाई है। यह बैठक फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) और उनके परिवार को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से हटाए जाने के प्रस्ताव समेत अन्य मुद्दों को लेकर है। ईजीएम में इस प्रस्ताव पर शेयरधारक वोटिंग करने वाले हैं। इस ईजीएम में बायजू रवींद्रन और कंपनी के बोर्ड के अन्य सदस्य हिस्सा नहीं लेंगे। Byju's के बोर्ड में बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजू रवींद्रन शामिल हैं।

Byju's के शेयरधारक कथित कुप्रबंधन और विफलताओं को लेकर सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से बाहर करने के लिए कुछ निवेशकों की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग करेंगे। हालांकि शुक्रवार को होने वाली वोटिंग का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा। उस दिन कर्नाटक हाई कोर्ट कुछ निवेशकों के कदम को चुनौती देने वाली रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई करेगा। हाई कोर्ट ने 21 फरवरी को Byju's में 32 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों की ओर से सामूहिक रूप से बुलाई गई ईजीएम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

कंपनी ने बताया अमान्य EGM

Byju's ने ईजीएम को प्रक्रियात्मक रूप से अमान्य और कंपनी के नियमों व शेयरधारक समझौते का उल्लंघन बताया है। Byju's के प्रवक्ता ने कहा, ‘बायजू रवींद्रन या कोई अन्य बोर्ड सदस्य इस अमान्य ईजीएम में शामिल नहीं होंगे। इसका मतलब है कि इसके बावजूद भी ईजीएम बुलाए जाने पर उसमें जरूरी कोरम नहीं होगा और एजेंडा पर चर्चा या मतदान को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। Byju's के संरक्षक के रूप में कानून की स्थापित प्रक्रियाओं का सम्मान करना और कंपनी की अखंडता की रक्षा करना फाउंडर्स की जिम्मेदारी है।’

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