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स्टार्टअप इंडस्ट्रीज को फंडिग: पहले की तुलना में कम, लेकिन बड़े चेक काट रहे हैं वेंचर कैपिटल फर्म

फैमिली ऑफिसों और एंजल निवेशकों की बढ़ती संख्या के साथ माइक्रो-वीसी ने मिलकर अर्ली-स्टेड फंड्स को अपनी इनवेस्टमेंट रणनीति में बदलाव करने की सुविधा दी है। बड़े फंड्स ने यह महसूस किया है कि किसी कंपनी में छोटे चेक लगाकर जोखिम लेने से आसान है कि बड़े राउंड में 1 करोड़ का चेक लगाकर इंतजार किया जाए

Moneycontrol Newsअपडेटेड Mar 18, 2024 पर 4:32 PM
स्टार्टअप इंडस्ट्रीज को फंडिग: पहले की तुलना में कम, लेकिन बड़े चेक काट रहे हैं वेंचर कैपिटल फर्म
माइक्रो-वीसी फंड्स, आमतौर पर छोटे साइज के चेक लिखते हैं

ब्लूम वेंचर्स आमतौर पर किसी स्टार्टअप में 20 से 25 लाख डॉलर का निवेश करता है। लेकिन पिछले महीने इसने एडटेक स्टार्टअप 'इंटरव्यू किकस्टार्ट' में सीधे 1 करोड़ डॉलर का निवेश किया। यह उसका सबसे बड़ा पहला चेक है। इंटरव्यू किकस्टार्ट को साल 2014 में शुरु किया गया है। यह कंपनी अभी तक अपने फाउंडर्स के पैसे से चल रही थी और मुनाफे में भी है। इसका मतलब है कि जब ब्लूम ने इस कंपनी में निवेश करने का फैसला किया तबतक इसमें काफी निवेशक दिलचस्पी दिखा चुके होंगे।

ब्लूम वेंचर्स के को-फाउंडर और पार्टनर कार्तिक रेड्डी ने बताया कि वेंचर फर्मों के लिए, अब सस्ते डील पाने या तेजी से आगे बढ़ने के लिए कंपनी के स्वामित्व का खरीदने का मसला नहीं रह गया है। उन्होंने कहा, "अब, हमारे जैसे फंड थोड़ा इंतजार करने, मार्केट की चाल देखने और फिर बाद में थोड़े महंगे भाव पर ही निवेश को बेहतर समझ रहे हैं। हम इंतजार कर सकते हैं और इसके बाद भी कंपनी में मनाचाही हिस्सेदारी खरीद सकते हैं क्योंकि हमारे पास निवेश के लिए एक बड़ा फंड है।"

रेड्डी ने कहा, "अब हमें ओनरशिप के लिए 50 लाख डॉलर के वैल्यूएशन पर 7.5 लाख डॉलर का निवेश करने में जल्दबाजी नहीं है। इसकी जगह अब हम 1 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर 15 लाख, 1.5 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर 25 लाख डॉलर भी लगाने के लिए भी तैयार है। इससे भी हमें कंपनी में उतनी ही हिस्सेदारी मिलेगा।"

उन्होंने कहा, "ऐसा अब हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हमारे फंड का साइज अब बढ़कर 25 करोड़ डॉलर से ज्यादा हो गया है। जह हम 10 करोड़ डॉलर के फंड थे, तब हम इस रणनीति को नहीं अपना सकते थे।"

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