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गेहूं की कीमतों ने बढ़ाई सरकार की मुसीबत, तय किया जा सकता है एक्सपोर्ट का कोटा

अप्रैल में गेहूं की होलसेल कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली है। मार्च और अप्रैल में दाम 5-7 फीसदी तक चढ़े हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड May 13, 2022 पर 12:43 PM
गेहूं की कीमतों ने बढ़ाई सरकार की मुसीबत, तय किया जा सकता है एक्सपोर्ट का कोटा
आटे की बढ़ती कीमत ने लगाया महंगाई का तड़का लगा दिया है। महंगाई अपने 8 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है

गेहूं की बढ़ती कीमतों ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है । पिछले साल के मुकाबले गेहूं की मॉडल कीमतों में 4 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। जबकि आटे की मॉडल कीमतों में क़रीब 7 रुपए की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सरकार इस महंगाई को काबू में रखने के लिए जल्दी ही कदम उठा सकती है। पिछले साल के मुकाबले गेहूं की मॉडल कीमतों में 4 रुपए की बढ़ोतरी हुई है जिसके चलते पिछले साल 24 रुपए की गेहूं की कीमत इस साल 28 रुपए हो गई है। इसी तरह आटे की कीमतों में 7 रुपए की बढ़ोतरी के बाद पिछले साल की 29 रुपए की कीमत इस साल 36 रुपए हो गई है।

आटे की बढ़ती कीमत ने लगाया महंगाई का तड़का

आटे की बढ़ती कीमत ने लगाया महंगाई का तड़का लगा दिया है। महंगाई अपने 8 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस साल गेहूं का उत्पादन अनुमान से कम रहेगा। सरकार का अनुमान है कि इस साल गेहूं का उत्पादन 95 से 100 लाख मैट्रिक टन हो सकता है। इस बार गेहूं का निर्यात 10 लाख मैट्रिक टन होने का अनुमान है। महंगाई से निपटने के लिए गेहूं खरीद का सीजन खत्म होने के बाद सरकार एक्सपोर्ट के लिए पॉलिसी ला सकती है। एक्सपोर्ट का कोटा तय किया जा सकता है। साथ ही गेंहू पर स्टॉक लिमिट भी लगाई जा सकती है।

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